جمعرات، 18 اگست، 2022

یوم آزادی پر ہندی میں تقریر

 یوم آزادی پر ہندی زبان میں ایک بہترین تقریر

स्वतंत्रता दिवस पर एक अच्छा भाषण

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आदरणीय महोदय, माननीय प्रधानाचार्य जी, सम्मानित अध्यापक गण, एवं प्रिय साथियो, आज हमारा देश अपना 75 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है।.     अतः मैं इस अवसर पर आप सभी को और तमाम देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं पेश करता हूं। 

साथियो ! आपको मालूम है कि 15 अगस्त सन 47 से पहले हमारा देश अंग्रेजों के हाथों मैं गुलाम था अंग्रेजों की हुक्मरानी थी, देश हमारा और आदेश अंग्रेजों का चलता था। हमें अपने ही देश की सत्ता में भागीदारी का कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। पूरा देश अंग्रेजों के रहमों करम पर जी रहा था। ईस्ट इंडिया कंपनी के जरिए तिजारत के बहाने, ब्रिटिश हुक्मरानों ने, पूरे देश पर कब्जा कर लिया, और हम को गुलामी की जिंदगी जीने पर मजबूर कर दिया l तब देश के अनेकों  विद्वान, दानिशवरों, और ओलमाओं ने, देशवासियों को आजादी की प्रेरणा दी, और जेहाद का बिगुल बजा कर खुद मैदाने जेहाद में निकल पड़े l गांधी जी ने देश वासियों के सहयोग से, असहयोग आंदोलन चलाया, और मौलाना महमूद हसन देवबंदी ने रेशमी रुमाल तहरीक छेड़ी, तो सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज खड़ी कर दी l इन तहरीकों में निकलने वाले मुजाहिदीन आजादी ने पूरे देश को मैदान-ए-जंग में तब्दील कर दिया l कहीं शामली के मैदान में, कहीं जलियांवाला बाग में अंग्रेजों की दरिन्दा फौज हमारे मासूम सेनानियों पर, गोलियां बरसाती रही l हमारे नेताओं और उलेमाओं को, काला पानी, और माल्टा की जेलों में डाल दिया गया l  लेकिन हमारे देश के सच्चे मुजाहिदीन, और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां खाई, अंग्रेजों की  तोपों के सामने सीना सिपर हो गए, और उनके दाररो रसन को चूम लिया l 

अंग्रेज दरिंदों ने सैकड़ों हजारों नहीं, बल्कि  लाखों मुजाहिदीने आजादी को फांसी के फंदे पर लटका दिया l लेकिन शहीदाने वतन ने देश की आजादी की खातिर, अपने खून का आखरी कतरा तक बहा दिया l

 साथियों सैकड़ों साल विशेषकर 1857 से 1947 तक बेपनाह त्याग तपस्या और बलिदान के बाद, तब कहीं जाकर हमारा देश आजाद हुआ l आजादी के  इस राष्ट्रीय पर्व पर, देश के ईन सपूतों, सूरमाओं और शाहिदान ए वतन को, मैं सलाम करता हूं l  

महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, अशफ़ाक उल्लाह खान, राम प्रसाद बिस्मिल,  मौलाना महमूद हसन देवबंद, हुसैन अहमद मदनी, मोहम्मद अली जौहर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, देश के वह महान व्यक्ति हैं, जिनके त्याग, तपस्या और बलिदान के फलस्वरुप, आज हम आजादी की सांस ले रहे हैं l 

साथियों देश को आजाद हुए 75 साल बीत गए  हैं l पूरा देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है l पर हमारा देश गरीबी, बेरोजगारी, और अशिक्षा जैसी, गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है l  हमें देश को  इससे भी आजाद कराना होगा l देश में अपराध, भ्रष्टाचार अपनी चरम सीमा पर है, हमें देश को इससे मुक्ति दिलानी होगी l नफरत और  सांप्रदायिकता का जहर पूरे देश में फैल रहा है, हमें प्रेम और भाईचारा के जरिए, नफरत और नफरत फैलाने वालों का खात्मा करना होगा l 

हमें धर्म, जाति और व्यवसाय से ऊपर उठकर, राष्ट्रहित में एकजुट होना पड़ेगा, तभी हमारा देश विकसित, आत्मनिर्भर और शक्तिशाली देश बन पाएगा l 

धन्यवाद      जय हिंद l    जय भारत l




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